‘लाल किताब’ में धर्माचरण और सदाचरण के बल पर ग्रह दोष निवारण का झण्डा ऊँचा किया है, जिससे हमारा इहलोक तो बनेगा ही, परलोक भी बनेगा। ‘लाल किताब’ में विभिन्न प्रकार के ग्रह दोषों से बचाव के लिए सैकड़ों टोटकों का विधान है। जीवन का कोई ऐसा पक्ष नहीं है, जिससे संबंधित टोटके न बतलाये गये हों।
उस पात्र को सिरहाने रख कर रात को सो जांय ! प्रातः उस जल को तुलसी के पौधे पर चढा दें ! धीरे-धीरे परेशानी दूर होगी !
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व्यक्तिगत बाधा : व्यक्तिगत बाधा के लिए एक मुट्ठी पिसा हुआ नमक लेकर शाम को अपने सिर के ऊपर से तीन बार उतार लें और उसे दरवाजे के बाहर फेंकें। ऐसा तीन दिन लगातार करें। यदि आराम न मिले तो नमक को सिर के ऊपर वार कर शौचालय में डालकर फ्लश चला दें। निश्चित रूप से लाभ मिलेगा।
अर्थात पानी टप–टप टपकता न हो ! और आग पर रखा दूध या चाय उबलनी नहीं चाहिये ! वरना आमदनी से ज्यादा खर्च होने की सम्भावना रह्ती है !
भोजन सदैव पूर्व या उत्तर की ओर मुख कर के करना चाहिए। संभव हो तो रसोईघर में ही बैठकर भोजन करें इससे राहु शांत होता है। जूते पहने हुए कभी भोजन नहीं करना चाहिए।
आषाढ़ मास: आषाढ़ मास में उत्पन्न स्त्री संतानवान, धन से हीन, सुख भोगने वाली, सरल और पति की दुलारी होती है।
हमारे यहाॅ कुछ ऐसे टोटटे बताये गये है जिनको करने से अपने परिवार सभी लोगों की हेल्थ रहती है। ध्यान रखें की टोटको के साथ साथ किसी अच्छे डाॅक्टर से दवाई लेना अनिवार्य है।
अर्थात पानी टप–टप टपकता न हो ! और आग पर रखा दूध या चाय उबलनी नहीं चाहिये ! here वरना आमदनी से ज्यादा खर्च होने की सम्भावना रह्ती है !
दान क्रिया में दान करने वाले व्यक्ति में श्रद्धा व विश्वास होना आवश्यक है. तथा यह दान व्यक्ति को अपने हाथों से करना चाहिए. दान से पहले अपने बडों का आशिर्वाद लेना उपाय की शुभता को बढाने में सहयोग करता है.
कोई ना कोई समस्या बनी रहती है या फिर बने बनाए कार्य अटक जाते हैं तो हर दिन थोड़ी सी फिटकरी को स्नान करने वाले जल में मिला लें। ऐसा करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर रहेगी और आपकी सेहत भी अच्छी रहेगी। साथ ही आपकी समस्याएं भी दूर होंगी और आर्थिक रूप से संपन्न भी हो जाएंगे।
कुछ परिवारों में सब कुछ होते हुए भी छोटी छोटी बातो में गृह कलेश होता रहता है
रत्न की जगह धारण कर सकते है पेड़ों की जड़ें भी
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा "